Sanskrit translation of chapter 9 क्रीडास्पर्धा in hindi class 6

क्रीडास्पर्धा


(क)
हुमा - यूयं कुत्र गच्छथ?
इन्दर: - वयं विद्यालयं गच्छाम:।
फेकन: - तत्र क्रीडास्पर्धा: सन्ति। वयं खेलिष्याम:।
रामचरण: - किं स्पर्धा: केवलं बालकेभ्य: एवं सन्ति?
प्रसन्‍ना - नहि, बालिका: अपि खेलिष्यन्ति।
रामचरण: - कि यूयं सर्वे एकस्मिन्‌ दले स्थ? अथवा पृथक्‌-पृथक्‌ दले?
प्रसन्‍ना - तत्र बालिका: बालका: च मिलित्वा खेलिष्यन्ति।
फेकन: - आम्‌, बेडमिंटन-क्रीडायां मम सहभागिनी जूली अस्ति।

सरलार्थ : 
हमा - तुम लोग कहाँ जा रहे हो ?

इंदर - हम विद्यालय जा रहे हैं। 

फेकन - वहाँ खेल प्रतियोगिताएँ हो रही हैं। हम भी खेलेंगे। 

रामचरण - क्या प्रतियोगिताएँ केवल लड़कों के लिए हैं ?

प्रसन्ना - नहीं लड़कियाँ भी खेलेंगी। 

रामचरण -क्या तुम सब एक दल में हो या पृथक-पृथक दल में ?

प्रसन्ना -वहाँ लड़के-लड़कियाँ मिलकर खेलेंगे। 

फेकन - हाँ, बैडमिंटन में मेरी साथी जुली है। 


शब्द (Word)अर्थ (Meanings)
यूयम्तुम सब (you all)
कुत्रकहाँ (where)
गच्छथजा रहे हो (are going)
वयम्हम सब (all of us)
विद्यालम्स्कूल (को) (to school)
गच्छामःजा रहे हैं (are going)
तत्रवहाँ (there)
क्रीडास्पर्धा:खेल-प्रतियोगिता (sports competition)
खेलिष्यामःखेलेंगी/खेलेंगे (shall play)
बालकेभ्य:लड़कों के लिए (for boys)
एवही (only)
बालिका:लड़कियाँ (girls)
अपिभी (also)
खेलिष्यन्तिखेलेंगी (shall play)
सर्वेसब (all)
एकस्मिन् दलेएक ही दल में (in one team)
स्थहो (are)
पृथक्अलग (different)
मिलित्वामिलकर (together)
आम्हाँ (yes)
बैडमिंटन क्रीडायाम्बैडमिंटन के खेल में (in the game of badminton)
मममेरा/ मेरे/मेरी (mine)
सहभागिनीसाथी (mate/partner)




(ख)
प्रसन्‍ना - एतद्‌ अतिरिक्‍तं कबड्डी, नियुद्धं, क्रिकेट, पादकन्दुकं , हस्तकन्दुकं , चतुरङ्ग: इत्यादय: स्पर्धा: भविष्यन्ति।
इन्दर: - हमे! कि त्वं न क्रीडसि? तव भगिनी तु मम पक्षे क्रीडति।
हुमा - नहि, मह्यं चलचित्रं रोचते। परम्‌ अतन्र अहं दर्शकरूपेण स्थास्यामि।
फेकन: - अहो! पूरन: कुत्र अस्ति? कि स: कस्यामपि स्पर्धायां प्रतिभागी नास्ति?

सरलार्थ : 
प्रसन्ना - इसके अतिरिक्त कबड्डी, जुडो, क्रिकेट, फुटबॉल, वाँलीबॉल, चैस इत्यादि स्पर्धाएँ भी होंगी। 

इन्दर -हुमा, क्या तुम नहीं खेल रही हो ? तुम्हारी बहन तो मेरी टीम में खेल रही है। 

हुमा - नहीं मुझे सिनेमा में रूचि है। वहाँ मैं दर्शक के रूप मैं रहूँगी। 

फेकन - ओह! पूरन कहाँ है ? क्या वह किसी मैच में भाग नहीं ले रहा ?


शब्दार्थाः (Word Meanings) :
एतत् अतिरिक्तं-इसके अलावा (beside this), 
नियुधं-जूडो (judo), 
पावकंदुकं-फुटबॉल (football), 
हस्तकन्दुकं-वॉलीबॉल/बास्केटबॉल (basket ball/ volleyball), 
चतुरङ्ग-चेस (chess), 
इत्यादयः-इत्यादि (etc.), 
भविष्यन्ति-होंगे/होंगी (will be), 
त्वम्-तुम (you), 
क्रीडसि-खेल रही हो (are playing) (singular), 
तव-तुम्हारी (your), 
भगिनी-बहन (sister), 
मम पक्षे-मेरे पक्ष में (in my team), 
मह्यम्-मुझे (मेरे लिए) ( for me), 
रोचते-अच्छा लगता है (like), 
स्थास्यामि-रहूँगी/रहँगा (shall stay), 
कस्यामपि (कस्याम् + अपि)-किसी में भी (in any), 
स्पर्धायाम्-प्रतियोगिता में (in a match), 
नास्ति (न + अस्ति )-नहीं है (is not)



(ग)
रामचरण: - स: द्र॒ष्टु न शक्‍नोति। तस्मेै अस्माकं विद्यालये पठनाय तु विशेषव्यवस्था वर्तते। परं क्रीडाये प्रबन्ध: नास्ति।
हुमा - अयं कथमपि न न्यायसङ्गत:। पूरन: सक्षम:, पर प्रबन्धस्य अभावात्‌ क्रीडितुं न शक्‍नोति।
इन्दरः - अस्मार्क तादृशानि अनेकानि मित्राणि सन्ति। वस्तुतः तानि अन्यथासमर्थानि।
फेकन: - अत: वयं सर्वे प्राचार्य मिलाम:। तं कथयाम:। शीघ्रमेव तेषां कृते व्यवस्था भविष्यति।

सरलार्थ : 
रामचरण - वह देख नहीं सकता।  उसके लिए हमारे विद्यालय में पढ़ने के लिए तो विशेष प्रबंध है, किन्तु खेल के  लिए प्रबंध नहीं है। 

हुमा - यह किसी प्रकार भी न्यायसंगत नहीं है।  पूरन सक्षम है, किन्तु प्रबंध के अभाव के कारण खेल नहीं सकता। 

इन्दर - हमारे ऐसे अनेक मित्र हैं। वास्तव में वे भिन्न तरीके से समर्थ हैं। 

फेकन - इसलिए हम सब प्रिंसिपल से मिलते हैं। उनसे कहते हैं।  अर्थात इस बारे में बात करते हैं। शीघ्र ही उनके लिए व्यवस्था हो जाएगी।

शब्दार्थाः (Word Meanings) :
द्रष्टुम्-देखना (to see), 
शक्नोति-सकता/सकती है (is able), 
तस्मै-उसके लिए (for him), 
अस्माकम्-हमारा/हमारी/हमारे (our), 
विद्यालये-विद्यालय में (in school), 
पठनाय-पढ़ने के लिए (for study), 
वर्तते-है (is), 
परम्-लेकिन (but), 
क्रीडायै-खेलने के लिए (for playing), 
अयम्-यह (this), 
कथमपि-किसी प्रकार भी नहीं (in no way), 
न्यायसङ्गत-उचित (justified), 
समर्थ-सक्षम, योग्य (capable), 
प्रबन्धस्य-प्रबन्ध के (for arrangement), 
अभावात्-अभाव के कारण (due to lack of), 
क्रीडितुम्-खेलने के लिए (to play), 
तादृशानि-वैसे (like that), 
वस्तुतः-वास्तव में (in fact), 
अन्यथासमर्थानि-अन्य तरीके से समर्थ (differently abled), 
मिलामः-मिलते हैं (हम) (meet), 
कथयामः-कहते हैं (tell), 
शीघ्रमेव (शीघ्रम् + एव)-जल्द ही (soon), 
तेषां कृते-उनके लिए (for them), 
व्यवस्था-व्यवस्था/इंतज़ाम (arrangement), 
भविष्यति-हो जाएगा/जाएगी (will be)





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