विमानयानं रचयाम्
(क)
राघव! माधव! सीते! ललिते!
विमानयानं रचयाम ।
नीले गगने विपुले विमले
वायुविहारं करवाम ||1||
विमानयानं रचयाम ।
नीले गगने विपुले विमले
वायुविहारं करवाम ||1||
सरलार्थ :
हे राघव, माधव, सीता, ललिता! आओ हम सब एक विमान बनाएं। नीले, स्वच्छ और विशाल आकाश में वायुविहार करें अर्थात आकाश में यात्रा करें।
शब्दार्थाः (Word Meanings) :
ललिते!-हे ललिता (oh Lalita),
विमानयानम्-हवाई जहाज़ को (aeroplane),
रचयाम-बनाएँ (should make),
गगने-आकाश में (in sky),
विपुले-बहुत अधिक (विस्तृत) (expansive),
विमले-स्वच्छ (में) (clear),
वायुविहारम्-वायु में भ्रमण (flying in the sky),
करवाम-करें (should do)
(ख)
उन्नतवृक्षं तुङ्गं भवन
क्रान्त्वाकाशं खलु याम ।
कृत्वा हिमवन्तं सोंपानं
चन्दिरलोकं प्रविशाम ||2||
उन्नतवृक्षं तुङ्गं भवन
क्रान्त्वाकाशं खलु याम ।
कृत्वा हिमवन्तं सोंपानं
चन्दिरलोकं प्रविशाम ||2||
सरलार्थ :
ऊँचे पेड़ को, ऊँचे भवन को पार करके आकाश में चलें। बर्फ को हिमालय को सीढ़ी बनाकर चन्द्रलोक में प्रवेश करें।
शब्दार्थाः (Word Meanings) :
उन्नतवृक्षम्-ऊँचे वृक्ष को (high tree),
तुङ्गभवनम्-ऊँचे भवन को (high buildings),
क्रान्त्वा -पार करके (crossing over),
खलु-निश्चय से (surely),
याम-जाएँ (should go),
कृत्वा-करके (do),
हिमवन्तम्-बर्फ को (की) (snow made),
सोपानम्-सीढ़ी को (ladder),
चन्दिरलोकम्-चन्द्रलोक में (को) (moonland),
प्रविशाम-प्रवेश करें (should enter)
(ग)
शुक्रश्चन्द्र: सूर्यो गुरुरिति
ग्रहान् हि सर्वान् गणयाम ।।
विविधा: सुन्दरताराश्चित्वा
मौक्तिकहारं रचयांम ||3||
शुक्रश्चन्द्र: सूर्यो गुरुरिति
ग्रहान् हि सर्वान् गणयाम ।।
विविधा: सुन्दरताराश्चित्वा
मौक्तिकहारं रचयांम ||3||
सरलार्थ :
शुक्र, चन्द्र, सूर्य बृहस्पति आदि सभी ग्रहों की गणना करें। अनेक प्रकार के सुन्दर तारों को चुनकर मोतियों का हार बनाएं।
शब्दार्थाः (Word Meanings):
गुरु:-गुरु (बृहस्पति) (Jupiter),
इति-इत्यादि (आदि) (et cetera),
ग्रहान्-ग्रहों को (planets),
गणयाम-गिर्ने (should count),
विविधाः-अनेक (many),
सुन्दरतारा:-सुन्दर तारों को (lovely stars),
चित्वा-चुनकर (by picking up),
मौक्तिकहारम्-मोतियों के हार को (pearl neckless),
रचयाम-बनाएँ (should make)
(घ)
अम्बुदमालाम् अम्बरभूषाम्
आदायैव हि प्रतियाम ।
दु:खित-पीडित-कृषिकजनानां
गृहेषु हर्ष जनयाम ||4||
अम्बुदमालाम् अम्बरभूषाम्
आदायैव हि प्रतियाम ।
दु:खित-पीडित-कृषिकजनानां
गृहेषु हर्ष जनयाम ||4||
सरलार्थ :
बादलों की माला को, आकाश की शोभा को लेकर ही लौटें। दुखी और पीड़ित किसानों के घरों में हम खुशियाँ उत्पन्न करें। अर्थात उनके घरों में खुशियाँ लाएं।
शब्दार्थाः (Word Meanings):
अम्बुदमालाम्-बादलों की पंक्तियों को (cloud-garland)
अम्बरभूषाम्-आकाश की शोभा को (beauty of sky),
आदाय-लेकर (taking), हि-निश्चय से (surely),
प्रतियाम-वापस लौटें (should return),
दुःखित-दुखी (दुख से युक्त) (sad),
पीड़ित-पीड़ा से युक्त (victim),
कृषिकजनानाम्-किसानों के (farmers),
गृहेषु-घरों में (in houses),
हर्षम्-प्रसन्नता को (in happiness),
जनयाम-उत्पन्न करें (should create)
S.no | Chapter |
---|---|
1 | शब्दपरिचयः I |
2 | शब्दपरिचयः II |
3 | शब्दपरिचयः III |
4 | विद्यालयः |
5 | वृक्षः |
6 | समुद्रतट |
7 | बकस्य प्रतीकारः |
8 | सूक्तिस्तबकः |
9 | क्रीडास्पर्धा |
10 | कृषिका कर्मवीराः |
11 | पुष्पोत्सवः |
12 | दशमः त्वम् असि |
13 | विमानयानं रचयाम् |
14 | अहह आः च |
15 | मातुलचन्द्र |
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ReplyDeleteYes
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